(khabrilal24.com) रायपुर (14अप्रैल), आज पूरे विश्व मे संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ.भीमराव आम्बेडकर की जयंती बड़े धूम धाम से मनाया जा रहा है। बाबा साहब नही होते तो आज इस देश मे मनुस्मृति की अमिट छाप और कुरीतियों का घर होता भारत। दुनिया मे सबसे ज्यादा अंधविश्वास भारत के कोने कोने में शिक्षित वर्ग के लोग भी इस बीमारी का शिकार हुए है।
बाबा साहब ने दिलाई दिन में 8 घंटे कार्य करने का अधिकार- गुलामी के दौर में अंग्रेजों को अपनी बुद्धि के बल पर भारतीयों पर हो रहे अत्याचार और उनके ऊपर होने वाले शोषण के विरुद्ध बाबा साहब ने लड़ाई लड़ी और अंग्रेजों द्वारा 12 से 14 घण्टा काम करवाने के खिलाफ होकर मानवीय कार्य को अधिकतम 8 घण्टे तक लिये जाने अंग्रेजों को नीति नियम बनाकर पाठ पढ़ाया।
बाबा साहब के सामाजिक योगदान बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर जी ने इस देश के लिए जो किये वह आज तक न कोई कर पाया और आज के स्वार्थ जीवन मे न कोई शायद ही कर पायेगा बाबा साहब की महानता के सामने सब बौने पढ़ जाते है।
मानवाधिकार जैसे दलितो एवं आदिवासियों के ऊपर होने वाले अत्याचार जैसे – जाति पाती, ऊंच नीच, छुआ छूत, भेद भाव, पानी पीने, मंदिर में दलितों को प्रवेश करने पर वर्जित, जैसे बहुत से कुरीतियों को उन्होंने समाप्त कर दिया।
मनुस्मृति का किया दहन बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर जी ने देश से कुरूतियों को समाप्त करने के लिए उन्होंने साल 1927 में मनुस्मृति का दहन किया, वर्ष 1956 में महाड़ सत्याग्रह किया, वर्ष 1930 में नाशिक सत्याग्रह, येवला की गर्जना साल 1935 जैसे आंदोलन कर शोषित होते लोगो के लिए आवाज बनकर देश के मूलनिवासीयों को अधिकार व नई आजादी दी।
बेजुबान ,अशिक्षित शोषित लोगो को जागरूक करने बाबा साहब आम्बेडकर ने किए इन पत्रिकाओं का संपादन-
साल 1927 से 1956 में बाबा साहब आंबेडकर ने अशिक्षित शोषित बेजुबानों को जगाने और उनको उनके अधिकारों से परिचित कराने इस समाज मे जीने के अधिकार के लिए इन पत्रिकाओं का सम्पादन किये- बहिष्कृत भारत, मूक नायक, जनता, समता और प्रबुद्ध भारत नामक पाँच साप्ताहिक और पाक्षिक पत्र-पत्रिकाओं का उन्होनें सम्पादन किया।