(khabrilal24.com) बिलासपुर। 10 मार्च 2023 दिन शुक्रवार को सुरुज ट्रस्ट के अध्यक्ष दीप्ति ओग्रे के द्वारा चकरभाठा बिलासपुर में सुरुज बाई खाण्डे की पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम सुरुज के सुरता का आयोजन किया गया था. जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ.आर.एस.बारले ने सुरुज के सुरता मंच के माध्यम से राज्य सरकार के सामने मांग रखा कि सुरुज बाई खाण्डे के नाम पर उनकी स्मृति में राज्य अलंकरण प्रारंभ किया जाए।
पद्मश्री अजय मण्डावी ने किया समर्थन– छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के अजय मंडावी ने काष्ठ शिल्प कला में गोंड ट्राईबल कला का समागम किया है। उन्होंने नक्सली क्षेत्र के प्रभावित और भटके हुए लोगों को काष्ठ शिल्प कला से जोड़ते हुए क्षेत्र के 350 से ज्यादा लोगों के जीवन में बदलाव लेकर आने के साथ-साथ लकड़ी की अद्भुत कला से युवाओं को जोड़ा है। युवाओ क हाथ से बंदूक छुड़ाकर छेनी उठाने के लिए प्रेरित करने जैसे कार्यों के लिए मंडावी को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जिन्होंने पद्मश्री डॉ. आर.एस. बारले की मांग को ज्याज करार देते हुए मंच से अपना समर्थन दिया.
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ.अनिल भतपहरी सचिव राजभाषा आयोग ने कहा– कि सुरुज बाई खाण्डे वास्तव में लोक गाथा भरथरी गायन में सूर्य ही थीं जिन्होंने सर्वप्रथम भरथरी गायन को अपने अनूठे अंदाज में जन्म दिया और विश्व के 18 देशों में अपनी प्रस्तुति देकर भरथरी को विश्व विख्यात किये.
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व नेताप्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक एवं विधायक बिल्हा विधानसभा ने सुरुज के सुरता कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि -सुरुज बाई खाण्डे के नाम पर राज्य अलंकरण और संग्रहालय तथा भरथरी एवं लोक गीत प्रशिक्षण केन्द्र खोलने के लिए राज्य सरकार के पास वह अपनी बात रखेंगे.
सुरुज ट्रस्ट के द्वारा अलग -अलग विषयों पर सुरुज सम्मान 2023 से सम्मानित किया गया-
1.श्रीमती रेखा देवार लोक गायिका – भरथरी गायन
2.सुश्री अमृता बारले लोक गायिका – भरथरी गायन
3.श्री अरुण कुमार निगम – छत्तीसगढ़ी छंद साहित्य
4.श्री दास मनोहर धृतलहरे – छत्तीसगढ़ी लोक गीतकार
5.सुश्री ममता अहार – कलात्मक शैक्षणिक पद्धति
6.डॉ.प्रदीप निर्णेजक – रहस नाट्यकला
7.श्री उत्तरा ध्रुव – व्हीलचेयर क्रिकेट खेल
8.सुश्री मालती पनौरे – व्हीलचेयर फेंसिंग खेल
कार्यक्रम में राजगीत की प्रस्तुति लोक गायिका लक्ष्मी करियारे लोक गायक सूरज श्रीवास ने किया स्वागत नृत्य रितु पात्रे ने प्रस्तुति दिया और लोक गायिका जोशी बहनें एवं यशवंत सतनामी जी के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया रेखा देवार एवं अमृता बारले के द्वारा भरथरी गीत की प्रस्तुति दी गई ।
काव्य प्रस्तुति में ईजी.गजानंद पात्रे,मिलन मलरिहा, घासीदास रात्रे और कु.सुनीता कुर्रे ने दिया.
सतनाम,सतनामी धर्म,सतनामी आंदोलन और ब्रिटिश कालीन अभिलेख नामक पुस्तक का विमोचन किया गया सुरुज के सुरता मंच के माध्यम से पुस्तक का विमोचन उपस्थित सभी अतिथियों के द्वारा किया गया, जिसके लेखक राम कुमार लहरे हैं.
कार्यक्रम में ये उपस्थित रहे – लोक गायक हृदय प्रकाश अनंत,कृष्णा रात्रे, द्वारिका बर्मन,पं.राम जोशी,भाषाविद केदार दूबे,आकाशवाणी निदेशक महेंद्र साहू सतनामी समाज के राजमहंत दशेराम खांडे रायगढ़ से आये हुए मनोज पाठक, रायपुर से अमिताभ बांधे एवं नवा रायपुर सरपंच संघ अध्यक्ष श्री सुजीत घिदौड़े व भाटापारा देवांगन समाज के बावलीराज युवा प्रकोष्ठ के संस्थापक शरद देवांगन के साथ क्षेत्रीय महिला एवं पुरुषों की सैंकड़ों की भींड़ में कार्यक्रम सफल हुआ.