( khabrilal24.com ) जगदलपुर । भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण जगदलपुर केन्द्र के द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत चार दिवसीय हस्तकला कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें बस्तर यूनिवर्सिटी और स्थानीय स्कूल के बच्चों ने भाग लिया कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों को बस्तर की संस्कृति के प्रति जागरूक करने साथ ही कलात्मक अभिरुचि के लिए आयोजित की गई थी।
दीप्ति ओगरे ने कहा- कार्यशाला प्रशिक्षक के रूप में मुझे सीखने और सिखाने का एक अच्छा अवसर मिला मेरे लिए खुशी की बात यह रही कि कार्यशाला में मुझे शक़ील रिज़वी जी का मार्गदर्शन मिला जो बस्तर के जानेमाने शिल्पकार स्व. श्री जयदेव बघेल जी के शिष्य रह चुके हैं।
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बस्तर के जुड़ी दादा के साथ काम करते हुए यह बात सिद्ध हो गई कि एक कलाकार के कलाकारी में चाहे जितना बड़ा विराम जीवन की परिस्थितियों ने लगाई हो लेकिन कलाकार जब भी ब्रश पकड़ता है कला जीवंत हो उठती है।
दीप्ति ओगरे ने कहा- कार्यशाला प्रशिक्षक के रूप में मुझे सीखने और सिखाने का एक अच्छा अवसर मिला मेरे लिए खुशी की बात यह रही कि कार्यशाला में मुझे शक़ील रिज़वी जी का मार्गदर्शन मिला जो बस्तर के जानेमाने शिल्पकार स्व. श्री जयदेव बघेल जी के शिष्य रह चुके हैं।
दीप्ति ओगरे ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि- बस्तर के जुड़ी दादा के साथ काम करते हुए यह बात सिद्ध हो गई कि एक कलाकार के कलाकारी में चाहे जितना बड़ा विराम जीवन की परिस्थितियों ने लगाई हो लेकिन कलाकार जब भी ब्रश पकड़ता है कला जीवंत हो उठती है।
जुड़ी दादा और दीप्ति ओगरे द्वारा पेपर के माध्यम से यह आर्ट एंड क्राफ्ट बनाया गया जिसे लोग एंथ्रोपोलॉजी म्यूजियम जगदलपुर में देख सकते हैं।