(khabrilal24.com) रायपुर । त्याग,तपस्या बलिदान का पर्व माहे रमजान का पहला रोजा 1444 हिजरी,24 मार्च 2023 ईस्वी बरोज जुमा (शुक्रवार) को मनाया जाएगा। यह जानकारी देते भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस फेडरेशन के प्रदेश संयोजक पप्पू अली ने कहा कि रब को खुश करने दिनभर भूखे प्यासे रहकर उसकी उपासना करते रहने का नाम ही रमजान है और एक माह तक दिन भर रोजा (उपवास) रहने का नाम ही माहे रमजान है।
रोजा दिनभर भूखे प्यासे रहने के साथ ही अपने आप को गलत बातों से गलत सोच से गलत कर्म से बचाना है और नेक काम करना है। पप्पू अली ने आगे कहा कि दिनभर भूखे प्यासे रहकर लोगो को ये एहसास हो सके कि दुसरों को तकलीफ कितनी होती हैं? जब व्यक्ति अन्न,जल,त्याग,कर अपने रब की बंदगी करता है। रोजा सुरज निकलने से पहले एक निश्चित समय से शुरु होकर सुरज डूबने तक चलता है,जिसमे किसी भी प्रकार का अन्न,फल,जल, किसी भी रूप में नहीं लिया जा सकता है। इस कठिन परीक्षा में पास होने वाले लोगों की तो हर जायज मांगो को रब जरूर सुनता है। इस माह शैतान को बंद कर दिया जाता है। इस बार एक तरफ मस्जिदों से रमजान का रोजा और दूसरी तरफ मंदिरों से चैत्र नवरात्र का उपवास भक्ति धारा को अविरल धारा का अंध्दुत संयोग है।