(khabrilal24.com) रायपुर। कहते हैं जोड़े आसमान में बनते हैं लेकिन धरती पर नवयुगल जोड़ों को मिलाकर परिणय सूत्र में बांधने का पुनीत कार्य पिछले 8 वर्षों से लगातार गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी कर रही है। अपने भावी जीवनसाथी की तलाश में राजधानी पहुंचे सतनामी युवाओं के लिए रविवार का दिन खास रहा, एक ओर सैकड़ो युवाओं ने “शहीद स्मारक भवन” के मंच पर आपस में रूबरू होकर अपने लिए मनचाहा जीवन साथी पसंद किया तो वंही माता-पिता की निगाहें भी दिन भर दामाद- बहू की तलाश में टिकी रही।
मंच पर बेबाकी से दिया परिचय – बाबा गुरु घासीदास जी की पूजा अर्चना व मंगल भजनों की प्रस्तुति के साथ सम्मेलन प्रारंभ हुआ जहां छ.ग. सहित कई राज्यों से आए समाज के 1280 नवयुगल प्रतिभागियों ने मंच पर बेबाकी से परिचय देते हुए अपनी पसंद साझा किया। दिन भर चले सम्मेलन में काउंसलिंग के बाद 300 से भी अधिक परिवारों के बीच रिश्तों की बातचीत आगे बढ़ गई है। कार्यक्रम में विधवा, विधुर व तलाकशुदा महिला/ पुरुषों ने भी अपने पुनर्विवाह के लिए परिचय देते हुए समाज से सहयोग मांगा।
अतिथियों ने किया संबोधित सम्मेलन में पधारे मुख्य अतिथि पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कहा कि जीवनसाथी योग्यता देखकर चुने, योग्यता का मापदंड सरकारी नौकरी नहीं बल्कि समाज व परिवार के प्रति जिम्मेदारी है उन्होंने कार्यक्रम को अनुकरणीय बताते हुए आह्वान किया कि युवा व्यापार व स्वरोजगार की दिशा में भी आगे आये।
इस दौरान सामाजिक कैलेंडर व सदभावना संदेश पत्रिका का विमोचन भी किया गया।
स्वास्थ्य शिविर में 5000 लोगों ने उठाया लाभ..
राजश्री सद्भावना समिति की ओर से कार्यक्रम स्थल पर निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाई गई जहां 11 सदस्यीय विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने अपनी सेवाएं दी। सबसे ज्यादा युवतियों व महिलाओं की भीड नजर आई वंहीं युवाओं ने भी स्वास्थ्य जांच करवाकर परामर्श लिया। शिविर में लगभग 5000 से भी अधिक लोग लाभान्वित हुये।
इस पूरे आयोजन में अध्यक्ष के.पी. खण्डे, डॉ. जे.आर. सोनी, डी.एस. पात्रे, सुंदरलाल जोगी,चेतन चंदेल,जी.आर.बाघमारे, आर. के. पाटले, प्रकाश बांधे, टिकेंद्र बघेल, कृपाराम चतुर्वेदी, लाला पुरेना, पं. अंजोर दास बंजारे, घासीदास कोसले, डॉ. अमित भारद्वाज, सुखनंदन बंजारे,ईश्वर बारले, मनीष कोसरिया, नंदू मारकंडे, मानसिंह गिलहरे, उतित भारद्वाज, अरुण मंडल, आशाराम लहरे, श्रीमती चंपादेवी गेंदले, अमरौतिन भतपहरी, गिरिजा पाटले,आशा पात्रे,डा. दुर्गाराय गेंदले, गोंदा बारले, संगीता पाटले, सरस्वती राघव, संगीता बालकिशोर, ममता कुर्रे, सुनंदा बघेल, गुलाब महिलांग, संतोष महिलांग, सुभाष कुर्रे,बाबा डहरिया, तुलाराम टंडन, बुद्धेश्वर बघेल, मन्नू लाल चेलक ,चेतन बंजारे, ईश्वर जोगी, राधे घृतलहरे, प्रकाश रात्रे,,हृदय प्रकाश अनंत, सहित हजारों लोग उपस्थित थे ।